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Ola Electric को बड़ा झटका, वित्त वर्ष 2022-23 में हुआ 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा: रिपोर्ट

Ola Electric: भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता ओला इलेक्ट्रिक ने वित्त वर्ष 2023 में करीब 13.6 करोड़ डॉलर (करीब 1,118 करोड़ रुपये) का ऑपरेटिंग घाटा दर्ज किया है. वहीं इसका रेवेन्यू इस दौरान करीब 33.5 करोड़ डॉलर (करीब 2,754 करोड़ रुपये) रहा,जो कंपनी की ओर से रखे लक्ष्य से भी कम है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने शुक्रवार 28 जुलाई को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी. ओला इलेक्ट्रिक ने यह घाटा ऐसे समय में दर्ज किया है, जब वह अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने की तैयारी कर रही है. इस कंपनी में जापान की दिग्गज इनवेस्टमेंट फर्म सॉफ्टबैंक (SoftBank) ने भी निवेश किया हुआ है. ओला इलेक्ट्रिक की योजना अपने IPO से करीब 70 करोड़ डॉलर (5,755 करोड़ रुपये) जुटाने की है.

ओला ने टिप्पणी करने से किया इनकार

रॉयटर्स ने बताया कि ओला इलेक्ट्रिक ने अभी तक अपने वित्त वर्ष 2023 के नतीजों को नियामकों के पास जमा नहीं किया है. नियमों के तहत गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को वित्त वर्ष खत्म होने के बाद 6 महीने यानी सितंबर तक अपने नतीजे जमा कराने होते हैं. ओला ने इस खबर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. ओला इलेक्ट्रिक ने पिछले साल जून में जारी एक बयान में कहा था कि वह इस साल के अंत तक 1 अरब डॉलर के रन रेट को पार करने की राह पर है और भविष्य की संभावनाएं इससे भी मजबूत दिख रही है. रन रेट एक वित्तीय संकेतक है, जिसे ओला की एक महीने के रेवेन्यू को 12 से गुणा करके निकाला जाता है.

रेवेन्यू टारगेट को हासिल करने में रही नाकाम

हालांकि कंपनी अपने रेवेन्यू टारगेट को वित्त वर्ष 2023 में हासिल करने में नाकाम रही, जो इसके कारोबार शुरू होने के बाद पहला पूरा वित्त वर्ष था. रॉयटर्स ने दो सूत्रों के हवाले से बताया कि ओला इलेक्ट्रिक ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल 1,50,000 यूनिट्स की बिक्री हुई. इससे कंपनी को कुल 33.5 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू मिला और उसने 13.6 करोड़ डॉलर का ऑपरेटिंग घाटा दर्ज किया है.

ओला ने वित्त वर्ष 2023 के आखिरी महीने मार्च में करीब 21,400 इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचे. कंपनी ने साल 2021 के अंत में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को बेचना शुरू किया था. यह आज देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी है और कुल मार्केट में इसकी करीब 32% हिस्सेदारी है. पिछले साल इसका वैल्यूएशन 5 अरब डॉलर था और 2019 के बाद से इसने निवेशकों से करीब 80 करोड़ डॉलर जुटाए हैं.

ई-स्कूटर पर मिलने वाला सरकारी इंसेंटिव भी हुआ कम

ओला इलेक्ट्रिक ने इस साल की शुरुआत में आंतरिक रूप से आक्रामक अनुमान लगाया था. कंपनी का अनुमान था कि इसका राजस्व 2023-24 में चार गुना बढ़कर 1.5 बिलियन डॉलर हो जाएगा, ऐसा साल जब यह अपना पहला लाभ कमाने की भी योजना बना रहा है, जैसा कि रॉयटर्स ने पिछले हफ्ते रिपोर्ट किया था. लेकिन यह इससे पहले की बात है जब भारत ने मई में ई-स्कूटर पर सरकारी इंसेंटिव को कम कर दिया था, जिसके बारे में विश्लेषकों का कहना है कि इससे ओला और अन्य को विकास योजनाओं को फिर से तैयार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. प्रोत्साहन में कटौती के बावजूद, कंपनी को भरोसा है कि वह इस साल परिचालन रूप से लाभदायक बन सकती है.

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