Electric Vehicles Demand: दुनियाभर में आज इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने कहा कि सड़क परिवहन और इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से बढ़ते उपयोग के कारण ऊर्जा उद्योग पर आने वाले समय में बहुत बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा. जिससे इस दशक के अंत तक हर रोज पांच मिलियन बैरल तेल की खपत में कमी आएगी.
आपको बता दें कि फिलहाल दुनियाभर में हर रोज औसतन 100 मिलियन बैरल से अधिक तेल की खपत होती है. IEA के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फतह बिरोल ने एक बयान में कहा कि “तेजी से बढ़ रही नई ग्लोबल एनर्जी इकोनॉमी में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या से दुनियाभर के कार इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव ला रहे हैं.”
बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ी हिस्सेदारी
इलेक्ट्रिक वाहनों पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में IEA ने कहा कि, उसे उम्मीद है कि इस साल इन वाहनों की वार्षिक बिक्री 35 प्रतिशत बढ़कर 14 मिलियन यूनिट्स के आंकड़े को पार कर जाएगी. इससे अनुमान लगाया जा रहा है 2020 के चार प्रतिशत के मुकाबले इन वाहनों की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 18 प्रतिशत की हो जाएगी. IEA के मुताबिक इलेक्ट्रिक कारों के लिए सबसे बड़े तीन बाजारों में चीन, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है.
अमेरिका में ईवी की बिक्री पर सब्सिडी बढ़ी
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने कहा कि चीन, पिछले साल ग्लोबल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री में 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है. संस्था के अनुसार, अमेरिका में उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए सब्सिडी प्रदान करने के लिए इनफ्लेशन रिड्यूसिंग एक्ट तैयार कर रही है. इन उपायों के कारण आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को और बढ़ावा देंगे.
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फ्यूल डिमांड में आएगी कमी
IEA के मुताबिक, उसका अनुमान है कि चीन, यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक कारों की औसत हिस्सेदारी 2030 तक बढ़कर लगभग 60 प्रतिशत हो जाएगी, जिस कारण इस दशक के अंत तक तेल की डिमांड में काफी कमी देखने को मिलेगी.