भारत में सर्दी के मौसम में सड़क पर गाड़ियां चलाना काफी मुश्किल होता है. कई शहरों में सुबह और शाम घना कोहरा होने के कारण लोगों को सड़क पर ठीक से कुछ नजर नहीं आता है. ऐसे में सड़क हादसे बढ़ जाते हैं. आपने पहले भी कई बार देखा होगा कि कोहरे में एक कार के पीछे कई कार एक दूसर से टकरा जाती है. ये घटनाएं चालकों के तेज रफ्तार ड्राइविंग के कारण भी होते हैं. ऐसे में इन हादसों को कम करने के लिए 15 दिसंबर से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, यमुना एक्सप्रेस वे (Yamuna Express Way) और एलिवेटेड समते कई रास्तों पर स्पीड लिमिट के नियमों में बदलाव किया गया है.
यह बदलाव हर साल किए जाते हैं. हालांकि कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है जिस कारण उनका चालान कट जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको इस नियम की पूरी जानकारी देंगे.
15 दिसंबर से 15 फरवरी तक रफ्तार पर रखे नियंत्रण
यमुना एक्सप्रेस वे पर चलने वाली गाड़ियों की सुरक्षा और हादसों के कम करने के तहत प्राधिकरण हर साल सर्दियों के वक्त इसकी अधिकतम स्पीड लिमिड को कम कर देता है. 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक हल्के वाहनों के लिए इस एक्सप्रेस वे पर स्पीड लिमिट 80 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. वहीं भारी वाहनों क लिए अधिकतम स्पीड लिमिट 60 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है. अगर कोई भी वाहन प्राधिकरण द्वारा बनाए गए इन नियमों को तोड़ता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. लोगों को नियम तोड़ने के लिए 2 हजार रुपये तक का चालान भी देना होता है.
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नेशनल हाईवे पर है अलग नियम
एक्सप्रेस वे की तरह नेशनल हाईवे के लिए यह नियम अलग है. नेशनल हाईवे पर कार के लिए 100 किलोमीटर प्रति घंटा अधिकतक स्पीड लिमिट तय है. आम दिनों पर एक्सप्रेस वे पर कार के लिए लिमिट 120 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है.